मेरी तो बहुत छोटी है
प्रेषक :
मेरा नाम अंकित जैन है। मैं 21 वर्षीय हट्टा कट्टा नौजवान हूँ, इंदौर में रहता हूँ। मेरा अभी इंजीनियरिंग में एड्मिशन हुआ है। मेरा लौड़ा 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा और काला है। मुझे चोदने की काफी इच्छा थी पर पूरी नहीं होती थी। इसलिए दिन में कभी कभार मैं मूठ मार लिया करता था।
एक दिन मेरे पड़ोस में किरायेदार रहने आये। उनके 3 बच्चे थे- पिंकू, रानी और नेहा।
नेहा सभी से बड़ी थी उसकी उम्र 18 साल की थी। वो 12वीं में थी, उसकी बोर्ड की परीक्षा थी। नेहा काफी सुन्दर थी। उसके अभी बूबे छोटे छोटे थे और जवानी में कदम ही रखा था। मैं उस पर मरता था। उसकी मम्मी और मेरी मम्मी की अच्छी पटने लगी।
एक दिन उसकी मम्मी ने मुझे कहा- बेटा, नेहा को गणित के कुछ सवाल हल करा देना।
मैंने तुरंत हाँ कर दी। मैंने उसकी याद में बाथरूम में जाकर एक बार मुठ मारी। फिर वो मेरे कमरे में आई तो थोड़ी शरमा रही थी। मैंने उसे सवाल समझा दिए, वो चली गई।
उस रात मुझे नींद नहीं आई, मैंने फिर मुठ मारी और सो गया।
सुबह मैं उठा और बालकनी पर घूमने लगा। वो भी छत पर कपड़े सूखने के लिए डालने आई। मैं उसे देख रहा था।
उसने बोला- भैया, मुझे आज कुछ सवाल और हल करा देना !
मैंने उसे बोला- एक शर्त पर कि तुम मुझे कभी भैया नहीं कहोगी।
वो हंस दी और कहा- तो मैं तुम्हें क्या कहूँ ?
मैंने कहा- तुम मुझे अंकित कहा करो।
वो बोली- आप कितने बड़े हो, मैं आपका नाम कैसे ले सकती हूँ !
मैंने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है, तुम बोल सकती हो !
हाँ करके वो चली गई।
वो दोपहर को खाना खाकर मेरे घर मेरे कमरे में आई। मेरे घर में पापा कुछ काम से बाहर गए थे, मम्मी सो रही थी और मेरा छोटा भाई स्कूल गया था। मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है !
मैंने पहले से ही अपने कमरे में सेक्सी कहानियों वाली किताब बिस्तर पर खुली छोड़ दी। वो आई और उसने देखा।
मैं किसी बहाने से कमरे से बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद आया तो नेहा किताब पढ़ रही थी। मैं आया तो वो देख कर डर गई, बोली- यह कैसी किताब है? आप ऐसी किताब पढ़ते हो?
मैंने कहा- तुमने कभी पढ़ी है ?
उसने कहा- नहीं !
मैंने कहा- तुम इसे पढ़ो, इसमें कितना मज़ा आता है, फिर कहना कि यह कैसी लगती है। तुम भी इसे पढ़ने के लिए मरोगी।
वो बोली- इसमें सभी गन्दी बातें हैं।
मैंने कहा- नहीं ये सारी बातें प्यार की हैं, तुमने कभी प्यार किया ?
वो बोली- छीः मैं नहीं करती किसी से !
मैंने कहा- तुम इस किताब को पढ़ो, तुम्हें अभी प्यार हो जायेगा।
उसने कहा- ऐसा नहीं हो सकता।
मैंने कहा- तुम खुद देख लो।
वो पढ़ने लगी, वो गरम हो रही थी, मैं उसे घूर रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- तुम्हें एक चीज दिखाऊँ?
वो बोली- क्या ?
मैंने कहा- तुम किसी को बताओगी नहीं तो दिखाऊंगा ! वो बोली- ठीक है।
मैंने उसे अपना लण्ड खोल कर दिखा दिया और कहा- कभी देखा है ऐसा लौड़ा ?
वो बोली- छीः, यह गन्दी चीज है ! इसे अन्दर करो नहीं तो मैं कभी तुमसे बात नहीं करुँगी।
मैंने कहा- अरे, यह गन्दी नहीं है, शादी के बाद यही तो लड़की के अंदर जाता है।
वो बोली- कैसे?
मैंने कहा- तुम्हें सभी कुछ समझाना पड़ेगा और तुम चाहती हो तो मैं समझा देता हूँ।
वो बोली- किसी ने देख लिया तो ?
मैंने कहा- नहीं, कोई नहीं देखेगा।
उसने हाँ बोल दिया।
मैंने कहा- इसे हाथ में लो !
उसने हाथ में लिया और धीरे धीरे हाथ फेरने लगी। मैं काफी उत्तेजित हो गया था और मैंने धीरे से उसके वक्ष पर हाथ फेरे और चूची पर दबा दी। वो भी गरम होने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूत पर हाथ रख दिया।
वो बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें बता रहा हूँ कि यह लड़की के अन्दर कैसे जाता है।
वो बोली- इतना लम्बा लौड़ा कहाँ जायेगा?
मैंने कहा- तुम जहा से सु-सु करती हो, यह वहीं जायेगा।
वो डर गई, वो बोली- मेरी तो बहुत छोटी है, उसमे ऊँगली नहीं जाती, ये लौड़ा कहाँ से जायेगा।
मैंने कहा- जायेगा, तुम रुको, मैं डालूँगा।
वो बोली- कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा।
फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोला और मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी।
वो बोली- दर्द हो रहा है !
मैं उसके दूध दबाने लगा और उसे काफी गर्म कर दिया, उसकी चूत चाटने लगा वो सिसकी लेने लगी और बोली- मुझे कुछ कुछ हो रहा है !
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी।
फिर वो बोली- और करो !
मैंने धीरे से अपनी ऊँगली उसमें डाल दी फिर उसे कहा- तुम मेरे लौड़े को मुँह में लो !
वो बोली- नहीं, यह गन्दा है, मैं नहीं करुँगी !
मैंने कहा- नहीं, तुम्हें मजा आयेगा।
मेरी जिद के आगे उसने मुँह में ले लिया फिर मैं गर्म हो गया और उसे भी कर दिया।
मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर दबाब बनाया, वो बोली- नहीं ! दर्द हो रहा है ! मैं मर जाउंगी !
मैंने कहा- नहीं, पहली बार में तो होता है, फिर तुम्हें मजा आएगा !
वो भी अब चुदने के लिए तैयार थी।
मैंने अपना पूरा दबाब दल कर उसके अन्दर लण्ड डाला तो आधा ही अन्दर गया और वो रोने लगी। मैंने उसे होंठों पर चूमा और थोड़ी जगह बना कर ऊपर-नीचे होने लगा।
उसे मजा आने लगा। फिर मैंने उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया। वो जोर से रोने लगी। मैंने भी उसे जोर से होंठों पर किस किया। उसे भी मजा आने लगा। फिर मैंने काफी देर तक सेक्स किया। वो भी झड़ गई और मैं भी झड़ गया।
हम दोनों अलग हो गए।
मैंने पूछा- अब पता चला कि अन्दर कैसे जाता है?
वो मुस्कुराई और मेरे होटों पर किस करके अपने घर चली गई।
प्रेषक :
मेरा नाम अंकित जैन है। मैं 21 वर्षीय हट्टा कट्टा नौजवान हूँ, इंदौर में रहता हूँ। मेरा अभी इंजीनियरिंग में एड्मिशन हुआ है। मेरा लौड़ा 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा और काला है। मुझे चोदने की काफी इच्छा थी पर पूरी नहीं होती थी। इसलिए दिन में कभी कभार मैं मूठ मार लिया करता था।
एक दिन मेरे पड़ोस में किरायेदार रहने आये। उनके 3 बच्चे थे- पिंकू, रानी और नेहा।
नेहा सभी से बड़ी थी उसकी उम्र 18 साल की थी। वो 12वीं में थी, उसकी बोर्ड की परीक्षा थी। नेहा काफी सुन्दर थी। उसके अभी बूबे छोटे छोटे थे और जवानी में कदम ही रखा था। मैं उस पर मरता था। उसकी मम्मी और मेरी मम्मी की अच्छी पटने लगी।
एक दिन उसकी मम्मी ने मुझे कहा- बेटा, नेहा को गणित के कुछ सवाल हल करा देना।
मैंने तुरंत हाँ कर दी। मैंने उसकी याद में बाथरूम में जाकर एक बार मुठ मारी। फिर वो मेरे कमरे में आई तो थोड़ी शरमा रही थी। मैंने उसे सवाल समझा दिए, वो चली गई।
उस रात मुझे नींद नहीं आई, मैंने फिर मुठ मारी और सो गया।
सुबह मैं उठा और बालकनी पर घूमने लगा। वो भी छत पर कपड़े सूखने के लिए डालने आई। मैं उसे देख रहा था।
उसने बोला- भैया, मुझे आज कुछ सवाल और हल करा देना !
मैंने उसे बोला- एक शर्त पर कि तुम मुझे कभी भैया नहीं कहोगी।
वो हंस दी और कहा- तो मैं तुम्हें क्या कहूँ ?
मैंने कहा- तुम मुझे अंकित कहा करो।
वो बोली- आप कितने बड़े हो, मैं आपका नाम कैसे ले सकती हूँ !
मैंने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है, तुम बोल सकती हो !
हाँ करके वो चली गई।
वो दोपहर को खाना खाकर मेरे घर मेरे कमरे में आई। मेरे घर में पापा कुछ काम से बाहर गए थे, मम्मी सो रही थी और मेरा छोटा भाई स्कूल गया था। मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है !
मैंने पहले से ही अपने कमरे में सेक्सी कहानियों वाली किताब बिस्तर पर खुली छोड़ दी। वो आई और उसने देखा।
मैं किसी बहाने से कमरे से बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद आया तो नेहा किताब पढ़ रही थी। मैं आया तो वो देख कर डर गई, बोली- यह कैसी किताब है? आप ऐसी किताब पढ़ते हो?
मैंने कहा- तुमने कभी पढ़ी है ?
उसने कहा- नहीं !
मैंने कहा- तुम इसे पढ़ो, इसमें कितना मज़ा आता है, फिर कहना कि यह कैसी लगती है। तुम भी इसे पढ़ने के लिए मरोगी।
वो बोली- इसमें सभी गन्दी बातें हैं।
मैंने कहा- नहीं ये सारी बातें प्यार की हैं, तुमने कभी प्यार किया ?
वो बोली- छीः मैं नहीं करती किसी से !
मैंने कहा- तुम इस किताब को पढ़ो, तुम्हें अभी प्यार हो जायेगा।
उसने कहा- ऐसा नहीं हो सकता।
मैंने कहा- तुम खुद देख लो।
वो पढ़ने लगी, वो गरम हो रही थी, मैं उसे घूर रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- तुम्हें एक चीज दिखाऊँ?
वो बोली- क्या ?
मैंने कहा- तुम किसी को बताओगी नहीं तो दिखाऊंगा ! वो बोली- ठीक है।
मैंने उसे अपना लण्ड खोल कर दिखा दिया और कहा- कभी देखा है ऐसा लौड़ा ?
वो बोली- छीः, यह गन्दी चीज है ! इसे अन्दर करो नहीं तो मैं कभी तुमसे बात नहीं करुँगी।
मैंने कहा- अरे, यह गन्दी नहीं है, शादी के बाद यही तो लड़की के अंदर जाता है।
वो बोली- कैसे?
मैंने कहा- तुम्हें सभी कुछ समझाना पड़ेगा और तुम चाहती हो तो मैं समझा देता हूँ।
वो बोली- किसी ने देख लिया तो ?
मैंने कहा- नहीं, कोई नहीं देखेगा।
उसने हाँ बोल दिया।
मैंने कहा- इसे हाथ में लो !
उसने हाथ में लिया और धीरे धीरे हाथ फेरने लगी। मैं काफी उत्तेजित हो गया था और मैंने धीरे से उसके वक्ष पर हाथ फेरे और चूची पर दबा दी। वो भी गरम होने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूत पर हाथ रख दिया।
वो बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें बता रहा हूँ कि यह लड़की के अन्दर कैसे जाता है।
वो बोली- इतना लम्बा लौड़ा कहाँ जायेगा?
मैंने कहा- तुम जहा से सु-सु करती हो, यह वहीं जायेगा।
वो डर गई, वो बोली- मेरी तो बहुत छोटी है, उसमे ऊँगली नहीं जाती, ये लौड़ा कहाँ से जायेगा।
मैंने कहा- जायेगा, तुम रुको, मैं डालूँगा।
वो बोली- कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- कोई नहीं देखेगा।
फिर उसकी सलवार का नाड़ा खोला और मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी।
वो बोली- दर्द हो रहा है !
मैं उसके दूध दबाने लगा और उसे काफी गर्म कर दिया, उसकी चूत चाटने लगा वो सिसकी लेने लगी और बोली- मुझे कुछ कुछ हो रहा है !
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी।
फिर वो बोली- और करो !
मैंने धीरे से अपनी ऊँगली उसमें डाल दी फिर उसे कहा- तुम मेरे लौड़े को मुँह में लो !
वो बोली- नहीं, यह गन्दा है, मैं नहीं करुँगी !
मैंने कहा- नहीं, तुम्हें मजा आयेगा।
मेरी जिद के आगे उसने मुँह में ले लिया फिर मैं गर्म हो गया और उसे भी कर दिया।
मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर दबाब बनाया, वो बोली- नहीं ! दर्द हो रहा है ! मैं मर जाउंगी !
मैंने कहा- नहीं, पहली बार में तो होता है, फिर तुम्हें मजा आएगा !
वो भी अब चुदने के लिए तैयार थी।
मैंने अपना पूरा दबाब दल कर उसके अन्दर लण्ड डाला तो आधा ही अन्दर गया और वो रोने लगी। मैंने उसे होंठों पर चूमा और थोड़ी जगह बना कर ऊपर-नीचे होने लगा।
उसे मजा आने लगा। फिर मैंने उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया। वो जोर से रोने लगी। मैंने भी उसे जोर से होंठों पर किस किया। उसे भी मजा आने लगा। फिर मैंने काफी देर तक सेक्स किया। वो भी झड़ गई और मैं भी झड़ गया।
हम दोनों अलग हो गए।
मैंने पूछा- अब पता चला कि अन्दर कैसे जाता है?
वो मुस्कुराई और मेरे होटों पर किस करके अपने घर चली गई।
You have read this article Hindi Sex Stories /
Indian Sex Stories
with the title मेरी तो बहुत छोटी है. You can bookmark this page URL https://jadejurgensen.blogspot.com/2011/06/blog-post_5439.html. Thanks!